What Does shiv chalisa lyricsl Mean?
What Does shiv chalisa lyricsl Mean?
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वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
O Universal Lord, every single morning like a rule I recite this Chalisa with devotion. Make sure you bless me to ensure that I may be able to execute my content and spiritual needs.
अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही Shiv chaisa दुख प्रभु आप निवारा॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥